...

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समय
लेकर बैठे रोना अतीत का
क्या उसे बदल पाओगे
बीत गया जो समय
क्या उसे फिर से जी पाओगे
खिलते तो फूल भी नही मुरझाने के बाद
अगर मुरझा गए तुम तो
क्या खुद को खिला पाओगे
यूंही गवाते रहे अगर वक्त को
क्या भविष्य को अपने सवार पाओगे
गुजर जायेगा ये वक्त भी यूंही रोने में
क्या इसे भी यूंही गवाओगे
संभाल लो समय को
कि संभाल लो समय को
समय तुमको भी संभाल लेगा
पाबंद रहो वक्त के
ये जिंदगी सवार देगा।
© t@nnu