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प्यार की परिभाषा
अंधेरों में भटके जो कोई,या रह ना जाए कोई आशा।
हाथ बढ़ाकर साथ दे कोई, यही है प्यार की परिभाषा।।

जब टूट जाए हिम्मत सारी,चिंता का बोझ लगे भारी,
तन्हाई हर पल साथ रहे और मन में रहे जिम्मेदारी,
तब वक्त भागता जाता है और डर भविष्य का खाता है
बनकर फरिश्ता ऐसे वक्त में, शख्स जो कोई आता है,
देता है उम्मीद नयी फिर हिम्मत और दिलासा,
हाथ बढ़ाकर साथ दे कोई, यही है प्यार की परिभाषा। ।
सच्चा वही जो संग तेरे है,जब दौर मुसीबत का संग रहे
कितनी भी आंधी हो कहर की,तेरे हाथ में उसका हाथ रहे
हर ओर जब धिक्कार पड़े, तेरे लिए सबसे वो हर बार लड़े,
तेरे कंधों को मजबूत वो करके,तुझे जल्द वो खड़ा करे
हर पल तेरे आगे बढ़ने की,जब हो किसी को अभिलाषा
हाथ बढ़ाकर साथ दे कोई, यही है प्यार की परिभाषा।।
© 💥A. Suryavanshi💥