वजह तो बताए....
मान लिया की वो नाराज़ है हमसे मगर कोई वज़ह तो बताए !!
जाके क्यों रोता है गैरों के पास नाराज़गी भी मुझी से जताए !!
हो सकता है मुझमें हज़ार ऐब हों, दिल में अथाह फरेब हो
अगर वो मेरा सच्चा साथी है तो फिर मुझे आईना दिखलाए !!
रिश्तों के दरमियाँ जो दूरियां है वो नाराज़गी करने से मिटेगी
हमदोनों में अगर गलत मैं हूँ तो फिर वो तो सही बतलाए !!
माना सहृदय...
जाके क्यों रोता है गैरों के पास नाराज़गी भी मुझी से जताए !!
हो सकता है मुझमें हज़ार ऐब हों, दिल में अथाह फरेब हो
अगर वो मेरा सच्चा साथी है तो फिर मुझे आईना दिखलाए !!
रिश्तों के दरमियाँ जो दूरियां है वो नाराज़गी करने से मिटेगी
हमदोनों में अगर गलत मैं हूँ तो फिर वो तो सही बतलाए !!
माना सहृदय...