जाने दो जो चला गया।
#जाने-दो..!
जाने दो जो चला गया,
मृगछालों से जो ठगा गया।
बेवक्त जो वक्ता बना गया,
जाने दो जो चला गया,
अपनो में ही जो लूटा गया,
खुशियां देखता जो दूसरो की
हर वक्त खुद में उलझता गया,
बनाया सागर एक उसने अपनो का,
अकेला ही वो उसमे डूबता गया,
उलझा रहा हर वक्त दूसरो के घर बनाने में,
पता न चला खुद के घर को कब मकान बनाता गया,
जाने दो जो चला गया,
वक्त जो था वो एक सबक दे गया,
जिन...
जाने दो जो चला गया,
मृगछालों से जो ठगा गया।
बेवक्त जो वक्ता बना गया,
जाने दो जो चला गया,
अपनो में ही जो लूटा गया,
खुशियां देखता जो दूसरो की
हर वक्त खुद में उलझता गया,
बनाया सागर एक उसने अपनो का,
अकेला ही वो उसमे डूबता गया,
उलझा रहा हर वक्त दूसरो के घर बनाने में,
पता न चला खुद के घर को कब मकान बनाता गया,
जाने दो जो चला गया,
वक्त जो था वो एक सबक दे गया,
जिन...