डॉ.श्रुति
प्यारी सी,थोड़ी लंबी सी,कद की,
उसकी हँसी,दूर करे चिंता सब की।
सखी है ,बेटी है किसी के लिए वो,
सबकी थी अपनी, वो एक डॉ.श्रुति।
मुझे मिली जब पहली बार वो,
मुझसे बीमारी की हिस्ट्री पूछी।
लगा की कितना समय लगा दिया,
मुझे वो थोड़ी सुस्त लगी थी।...
उसकी हँसी,दूर करे चिंता सब की।
सखी है ,बेटी है किसी के लिए वो,
सबकी थी अपनी, वो एक डॉ.श्रुति।
मुझे मिली जब पहली बार वो,
मुझसे बीमारी की हिस्ट्री पूछी।
लगा की कितना समय लगा दिया,
मुझे वो थोड़ी सुस्त लगी थी।...