...

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मेरा इश्क़ -एक परिंदा
मेरा इश्क़ एक परिंदा, इसे आज़ाद ही रहने दो।
ना बांधो इसे किसी पिंजरे में ,इसे आज़ाद ही जीने दो ।
जो रखोगे इसे किसी कैद में , खुद भी आओगे कभी कैद में
इस पिंजरे को दूर ही रहने दो,
मेरा इश्क़ एक परिंदा , इसे आज़ाद ही रहने दो ।।

सिर्फ दाने-पानी से गुजा़रा होता नहीं,
छोटी सी जगह में कुछ पनपता नहीं।
खुली हवा में , बढ़ते हैं पर,
मेरे परों को बढ़ने दो..
मेरा इश्क़ एक परिंदा , इसे आज़ाद ही रहने दो ।।

जब गिरूंगा कभी, सम्भलूंगा तब
उठूंगा नहीं तो सिखूंगा कब।
इस इश्क़ को खुलकर सांस लेने दो ।
मुझे गिरने , लङखङाने और फिर सम्भलने दो,
मेरा इश्क़ एक परिंदा , इसे आज़ाद ही रहने दो ।।

ये शब्दों का जाल , फेंको ना मुझ पर
ये स्वार्थ का पर्दा , सजाओं ना मुझ पर
इस सुंदर से भाव को , नि:स्वार्थ ही रहने दो।
मेरा इश्क़ एक परिंदा , इसे आज़ाद ही रहने दो ।।

@Rolly9408#MERAISHQ#SelflessLove#PurityOf Love