...

11 views

वेहम
मेरे मन का वेहम है ये
जैसे कुछ सेह्मा हुआ सा आज मन है ये,
हमने चारो तरफ तलाशा
पर सुकून तो मेरा मेरे अंदर है ये।
खुद से कुछ बाते अधूरी रह गयी
खुद से कई सवाल बाकी रह गये
खुद से ही जाने कब से हम अनजान रहे,
खुद से खुद को आज मिलना है
अपने सारे वेहम् को आज मिटाना है
कही बाहर की नहीं खुद के मन की खुशी को पाना है
अब बैठूं कही फुर्सत से
अधुरी खुद से खुद की बातो को पूरा करू
खुद के सवालों को जवाब दू
आज मुझे खुद को ही पाना है।
मुझे मेरे मन का वहम मिटाना है।
मुझे बस आज खुद को पाना है।


@kajalgupta
©