बिन पहरों के प्यार पलता नही...
बिन पहरों के
प्यार पलता नही...
साला, ठंडा कलेजा नही होता..,
जब कोई जलता नही.....
नदी की कछारें अमराई की छैया हो
लुत्फ़ प्यार का लिजीए..
जब संग तुम्हारे सैंया हो....!!
खेत की पगडंडियां और शाम की झुरमुट तले
पीली सरसो की ओट में गले मे तेरी बैंया हो
प्यार करने के लिए
कारीगरी होनी चाहिए
महबूब के सरपरस्तों से...
दादागिरी होनी चाहिए...
प्यार मे सिखने...
प्यार पलता नही...
साला, ठंडा कलेजा नही होता..,
जब कोई जलता नही.....
नदी की कछारें अमराई की छैया हो
लुत्फ़ प्यार का लिजीए..
जब संग तुम्हारे सैंया हो....!!
खेत की पगडंडियां और शाम की झुरमुट तले
पीली सरसो की ओट में गले मे तेरी बैंया हो
प्यार करने के लिए
कारीगरी होनी चाहिए
महबूब के सरपरस्तों से...
दादागिरी होनी चाहिए...
प्यार मे सिखने...