...

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जीवन दर्शन
विकल भाव से विचरित जगत,
शूल जड़ित जीवन का हर पथ,
तड़ित भाव मन हो उद्गम स्थल,
कृतज्ञता ज्ञापित कर मनुज मन,
शीश नवा धन्य गुरु पद पंकज,
जीवनदर्शन गुरु पथ प्रदर्शक।

शिक्षित दीक्षित हो मन उपवन,
गुह्यज्ञान...