EDIT की इस दुनिया ने...
हकीकत को हकीकत रहने नहीं दिया,
लेखन को असली किरदार का रहने नहीं दिया,
जिसे अपना बता सको कुछ अपना गढ़ों,
सोचा है कभी कुछ नहीं है तुम्हारे हिस्से में झूठी वाह वाही के सिवा।
किसी का वजूद मिटाकर अपना नाम लिख दिया,
EDIT की इस दुनिया ने
हकीकत को हकीकत...
लेखन को असली किरदार का रहने नहीं दिया,
जिसे अपना बता सको कुछ अपना गढ़ों,
सोचा है कभी कुछ नहीं है तुम्हारे हिस्से में झूठी वाह वाही के सिवा।
किसी का वजूद मिटाकर अपना नाम लिख दिया,
EDIT की इस दुनिया ने
हकीकत को हकीकत...