प्रेम मस्ती की हाला
प्रेम बहुत ही मादकयारो यह मस्ती की हाला है।बार बार पीना चाहे जो एक बार पीता इसका प्याला है।
प्रेमअगनकी तपन बहुत है बार बार जलता है मन,
चखकर इसका स्वाद निराला मन हो जाता मतवाला है।
प्रेम ही स्रष्टि प्रेम ही वृष्टि प्रेम...
प्रेमअगनकी तपन बहुत है बार बार जलता है मन,
चखकर इसका स्वाद निराला मन हो जाता मतवाला है।
प्रेम ही स्रष्टि प्रेम ही वृष्टि प्रेम...