...

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बेटी - स्वतंत्रता ही है प्रयास
बेटी को जीवन में देखो ,
आशाओं की है बस आश,

जन्मे बेटी जब से देखो,
स्वतंत्रता ही है प्रयास,

पल -पल उसको रहता देखो,
अपने पर है एक विश्वास,

जन्मे बेटी जब से देखो,
स्वतंत्रता ही है प्रयास,

लिखना चाहे ,पढ़ना चाहे,
करना चाहे, वो कुछ खास,

जन्मे बेटी जब से देखो,
स्वतंत्रता ही है प्रयास,

जरूरत की घड़ियों में देखो,
कोई न रहता ,उसके पास,

जन्मे बेटी जब से देखो,
स्वतंत्रता ही है प्रयास,

हंसना चाहे, रोना चाहे,
होती उसको भी कुछ आश,

जन्मे बेटी जब से देखो,
स्वतंत्रता ही है प्रयास,

बड़ी हुई तो ,हुई पराई,
ना कोई अपना अब पास,

जन्मे बेटी जब से देखो,
स्वतंत्रता ही है प्रयास,

ठोकर खाकर, पंख कटाकर,
अब भी क्यों उड़ने की आश,

जन्मे बेटी जब से देखो,
स्वतंत्रता ही है प्रयास,

सदियां गुजरी, उम्र ढल चुकी,
फिर भी जीने की क्यों आश?

जन्मे बेटी जब से देखो,
स्वतंत्रता ही है प्रयास,

जीवित थी जब तक ,कैदी सी थी,
मर कर क्या ,पा लेगी खास,

जन्मे बेटी जब से देखो,
स्वतंत्रता ही है प्रयास,


© Munni Joshi