...

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बिखर
#बिखर
निखर जाएगा समझौता कर ले,
बिखर जायेगा ना हठ कर बे;
शीशा कहा टिकता गिर कर रे,
वैसे ही तू भी बिखर जायेगा टूट कर के।

दिल न लगाना किसी बेवफा से ,
वरना रोना पड़ेगा छुप छुप के।
कितना भी चाहेगा गा तू रोकना ,
वो फिसल जायेगा रेत की तरह।

मन भर जाएगा जब सबका ,
तब कोई नही बुलाएगा ,
एक तू बना ही बना है खुद के लिए,
बुरे वक्त मैं खुद को अकेला ही पाएगा।


© khushpreet kaur