अधूरी संवेदनाएँ..
तुम पुरुष हो,
तुम रो नहीं सकते।
अपनी भावनाओं को किसी के
सामने व्यक्त करके खुद को
कमजोर नहीं बना सकते।
और जब किसी ने नहीं समझा,
उसके अंतर्मन में उठ रहे द्वंद्व...
तुम रो नहीं सकते।
अपनी भावनाओं को किसी के
सामने व्यक्त करके खुद को
कमजोर नहीं बना सकते।
और जब किसी ने नहीं समझा,
उसके अंतर्मन में उठ रहे द्वंद्व...