आखिर कब तक
गुपचुप गुमसुम रहोगे
कभी जिंदगी, दुनिया तो कभी मौहब्बत से
यूं मुँह छुपाते रहोगे
कभी मौहब्बत तो कभी ख्वाहिशों में धोखा
कुछ पाया तो कुछ खो दिया तुमने भी
जिक्र करने को...
कभी जिंदगी, दुनिया तो कभी मौहब्बत से
यूं मुँह छुपाते रहोगे
कभी मौहब्बत तो कभी ख्वाहिशों में धोखा
कुछ पाया तो कुछ खो दिया तुमने भी
जिक्र करने को...