एक लड़की से मां बनने का सफर
एक लड़की जब औरत से मां बन जाती है,
तब खुदा को मंदिर में नहीं अपनी कोख में खोजती है,
जो डर जाती थी कभी छिपकली और कॉकरोच से,
वो उस के लिए भेड़ियों से भी लड़ने को तैयार रहती हैं,
जो न सहती छोटी खरोच का दर्द भी अपने जिस्म पर,
वो अब खुद को दर्द दे नई जिंदगी को जन्म देती हैं,
हल्का भार भी उठाने में जो नखरे सबको दिखाती थी,
आज नौ माह कोख में एक जान पर सब कुर्बां करती हैं,
जिंदगी की इस दौड़ में जिसके ख़्वाब ही थे उसका जहां
अब उस...
तब खुदा को मंदिर में नहीं अपनी कोख में खोजती है,
जो डर जाती थी कभी छिपकली और कॉकरोच से,
वो उस के लिए भेड़ियों से भी लड़ने को तैयार रहती हैं,
जो न सहती छोटी खरोच का दर्द भी अपने जिस्म पर,
वो अब खुद को दर्द दे नई जिंदगी को जन्म देती हैं,
हल्का भार भी उठाने में जो नखरे सबको दिखाती थी,
आज नौ माह कोख में एक जान पर सब कुर्बां करती हैं,
जिंदगी की इस दौड़ में जिसके ख़्वाब ही थे उसका जहां
अब उस...