वर्षा
एक मधुर-सा संगीत
बनकर जैसे बरस पडा हो जल ,
धरा तपस्विनी झूम उठी जैसे धन्य...
बनकर जैसे बरस पडा हो जल ,
धरा तपस्विनी झूम उठी जैसे धन्य...