...

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वो हस्ते-हस्ते मेरे दुःख खुद ले गई
मेरे हर किस्सों की वो कहानी बन गई,
वो हस्ते-हस्ते मेरे हर दुःख खुद ले गई,

मेरे वो हर दुःख को सुख में वो कर गई,
वो हस्ते-हस्ते मेरे हर दुःख खुद ले गई

ज़िंदगी को अधूरी नही पूरी कर गयी,
वो हस्ते-हस्ते मेरे हर दुःख खुद ले गई,

वो खामी नही मेरी वो खुशी बस बन गयी,
वो हस्ते-हस्ते मेरे हर दुःख खुद ले गई,

माना वक़्त के साथ वो भी साथ मेरे बन गयी,
वो हस्ते-हस्ते मेरे हर दुःख खुद ले गई

मेरा प्यार वो अपना समझकर मुझे नई जिंदगी दे गई,
वो हस्ते-हस्ते मेरे हर दुःख खुद ले गई,

मेरी ज़िंदगी की वो अब वजह बन गयी,
वो हस्ते-हस्ते मेरे हर दुःख खुद ले गई,

एक गलत से फैसले वो मेरी भूल हो गई,
वो हस्ते-हस्ते मेरे हर दुःख खुद ले गई,

अब वापस मिलने के लिए वो ज़रूर हो गयी,
वो हस्ते-हस्ते मेरे हर दुःख खुद ले गई,

DRx Pradumna Pandey