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जिंदगी का सफ़र
आपके बिना जमीन से आसमां
तक का फासला
अब नापे तो नापे कैसे
बोझ बढ़ रहा है
मेरे दिल का किसी के साथ
अब बांटे तो बांटे कैसे
हम आपके ही
सहारे थे, जिंदगी के
इस सफ़र में
आप ही सोचो
ये तन्हा जिंदगी
अब काटें तो काटें कैसे?
© _🖋️by Ayushi jain
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