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बातें बहकी बहकी सी
ये जो करते हो तुम बातें बहकी बहकी सी
कुछ राज इनमें गहरा लगता है,मुझे आज
भी हैं वो याद पल,यादों पर कहाँ पहरा लगता है। वो अंदाज़े बयां तुम्हारा और नज़ाकत देखी सी और सुनी सुनी सी लगती है। ये जो करते हो तुम बातें बहकी बहकी सी,कुछ राज इनमें गहरा लगता है।
कुछ राज इनमें गहरा लगता है,मुझे आज
भी हैं वो याद पल,यादों पर कहाँ पहरा लगता है। वो अंदाज़े बयां तुम्हारा और नज़ाकत देखी सी और सुनी सुनी सी लगती है। ये जो करते हो तुम बातें बहकी बहकी सी,कुछ राज इनमें गहरा लगता है।
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