जान से अंजान बन गए
जिंदगी के सफ़र में सब कुछ सही चल रहा था की, हम जान से अंजान कैसे बन गए पता ही नहीं चला । रोज़ मुलाक़ातें हुआ करती थी, अब तो बीच सड़क पर आंखों में आंखें भी मिल ने को तरसती हैं |
सोचा नहीं था कि अपना सफ़र यहीं तक ही था | यकीन नहीं हो रहा है कि अपना प्यार फीका पड़ जाएगा कोई हमारे बीच आने से। वो...
सोचा नहीं था कि अपना सफ़र यहीं तक ही था | यकीन नहीं हो रहा है कि अपना प्यार फीका पड़ जाएगा कोई हमारे बीच आने से। वो...