...

14 views

कैसा ये शहर है।
कैसा ये शहर है,
जिसमे हर एक डगर नई सी लगे।

हर मोड़ एक नया रंग देता,
हर घर एक नई ही छाव जो देता। ....कैसा ये...

ढूंढे यहां बस अपनों को,
कोई खोजें परायो में खोए अपनों को,
हर इंसान एक नई चाह देता। ....कैसा ये...

अंजान ये मोड़ भी नई रांहो की दस्तक देता,
तो कभी यही राहें जानी सी होकर भी अंजानी सी कशिश देता। ...कैसा ये...

धूंडू यहां में किसे? सभी तो अपने में सोए है,
पुछूं यहां में किसे? सभी तो यहां अपनी ही अलग दुनियां में जो खोए है,
काश? ये शहर मुझे भी कोई अपना देता।
काश? मुझे भी कोई अपना केहता। ...कैसा ये...

केशा ये शहर हे? जहां लोग खुदमे कम वक़्त में ज्यादा उलझे हैं,
उलझे से धागे यहां के रिश्तों से कुछ ज्यादा शुलजे से लगे,
पर यही तो दवा भी देता।

कैसा ये शहर है,
जिसमे हर एक डगर नई सी लगे।


quotes_lover1023
Anjali joshi

© quotes_lover1023

#Poetry #poetsofinstagram #poem #reality #life #love #poemprompts #writers #Writco