...

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बचपन
एक बचपन का ज़माना था
जिस में खुशियों का खज़ाना था
चाहत चाँद को पाने की थी
पर दिल तितली का दीवाना था
खबर ना थी कुछ सुबहा की
ना शाम का ठिकाना था
थक कर आना स्कूल से
पर खेलने भी जाना था
माँ की कहानी थी
परियों का फसाना था
बारिश में काग़ज़ की नाव थी
हर मौसम सुहाना था
रोने की वजह ना थी
ना हँसने का बहाना था
क्यूँ हो गए हम इतने बड़े
इससे अच्छा तो वो बचपन का ज़माना था
वो बचपन का ज़माना था