अधूरा अफसाना
ख्वाहिश तेरी ही थी की बदल लूँ मैं चुल्बुला अंदाज अपना
फिर समझ ना आया मुझे, तेरा अपनी ही ख्वाहिशो से रूठ जाना।
चला गया तु मुझे छोड़कर, मुड़कर देखा भी ना
ख्याल ना आया तुझे एक बार भी, कैसे रहूँगी मैं तेरे बिना।
...
फिर समझ ना आया मुझे, तेरा अपनी ही ख्वाहिशो से रूठ जाना।
चला गया तु मुझे छोड़कर, मुड़कर देखा भी ना
ख्याल ना आया तुझे एक बार भी, कैसे रहूँगी मैं तेरे बिना।
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