चांद के उस पार
सुनो ना,
सुना है मैंने कि,
चांद के उस पार भी
इक जहां हैं।
जहा मिलते सिर्फ,
मन और प्राण हैं।
सुना है वहां,
जिस्म और रिवाज ...
सुना है मैंने कि,
चांद के उस पार भी
इक जहां हैं।
जहा मिलते सिर्फ,
मन और प्राण हैं।
सुना है वहां,
जिस्म और रिवाज ...