कश ज़िन्दगी इक किताब होति
काश ज़िन्दगी एक किताब होती
पढ़ सकती मैं की आगे क्या होगा
क्या पाऊँगी मैं और क्या दिल खोएगा
कब थोड़ी ख़ुशी मिलेगी, कब दिल रोयेगा
फार सकती मैं उन लम्हों को
जिन्होंने मुझे रुलाया...
पढ़ सकती मैं की आगे क्या होगा
क्या पाऊँगी मैं और क्या दिल खोएगा
कब थोड़ी ख़ुशी मिलेगी, कब दिल रोयेगा
फार सकती मैं उन लम्हों को
जिन्होंने मुझे रुलाया...