खामोशी संगिनी बन रही
टूट रहे अरमान सांसे बिखर रही!
ना जाने जिंदगी जीने से क्यू डर रही !!
लम्हा लम्हा सांसे उतर रही!
मन में भी अब उल झने ना रही !!
दर्द के समुंदर में अब मैं ...
ना जाने जिंदगी जीने से क्यू डर रही !!
लम्हा लम्हा सांसे उतर रही!
मन में भी अब उल झने ना रही !!
दर्द के समुंदर में अब मैं ...