तेरा सपरस
अपने बदन की सारी
गिरहे खोलकर...
तेरी बाहो में
हल्का होना चाहता हूँ...
तेरे बदन के हर एक
हिस्से को सपरश कर...
तेरे गरम सांसो की आँच में...
पिघल जाना चाहता हूँ...
गिरहे खोलकर...
तेरी बाहो में
हल्का होना चाहता हूँ...
तेरे बदन के हर एक
हिस्से को सपरश कर...
तेरे गरम सांसो की आँच में...
पिघल जाना चाहता हूँ...
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