इंसान का अस्तित्व- ईश्वर
इंसान ने कहा ईश्वर से -
तेरा अक्स जब मेरे अक्स से हुआ दूर,
अशांति से जुड़ गया मैं होकर मजबूर...
ईश्वर ने कहा-
तूने मुझे नकारा कई बार,
फिर भी तेरे साथ खड़ा हूँ मै, जब तू हुआ लाचार...
इंसान ने कहा-
मैं मजबूर हूँ इंसानी फितरत से,
परेशान हूँ तेरी दी हुई हैसियत से...
ईश्वर ने कहा-
मैने तुझमे पूरा ब्रहम्माण्ड रचा,तू फिर भी ना समझ पाया,
तू सिर्फ है शरीर,मैं हूँ तेरी आत्मा और तेरा साया..
इंसान ने कहा-
तूने जीवन में सुख नही सिर्फ दुख दिए है,
परेशानियों से तंग आकर अब मैने अपने होट सीए है...
ईश्वर ने कहा-
तूने मेरे अस्तित्व को मिटा डाला और ले ली खुद पे परेशानिया सारी,
तुझे तो हर कर्म मुझपे करने थे समर्पित और आ जाती तेरे जीवन मे फल की बारी...
इंसान ने कहा-
तूने उलझनों में मुझे एक मछुवारे की तरह फसाया,
मैने देखी सारी ज़िम्मेदारीयाँ लेकिन...
तेरा अक्स जब मेरे अक्स से हुआ दूर,
अशांति से जुड़ गया मैं होकर मजबूर...
ईश्वर ने कहा-
तूने मुझे नकारा कई बार,
फिर भी तेरे साथ खड़ा हूँ मै, जब तू हुआ लाचार...
इंसान ने कहा-
मैं मजबूर हूँ इंसानी फितरत से,
परेशान हूँ तेरी दी हुई हैसियत से...
ईश्वर ने कहा-
मैने तुझमे पूरा ब्रहम्माण्ड रचा,तू फिर भी ना समझ पाया,
तू सिर्फ है शरीर,मैं हूँ तेरी आत्मा और तेरा साया..
इंसान ने कहा-
तूने जीवन में सुख नही सिर्फ दुख दिए है,
परेशानियों से तंग आकर अब मैने अपने होट सीए है...
ईश्वर ने कहा-
तूने मेरे अस्तित्व को मिटा डाला और ले ली खुद पे परेशानिया सारी,
तुझे तो हर कर्म मुझपे करने थे समर्पित और आ जाती तेरे जीवन मे फल की बारी...
इंसान ने कहा-
तूने उलझनों में मुझे एक मछुवारे की तरह फसाया,
मैने देखी सारी ज़िम्मेदारीयाँ लेकिन...