...

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भारत माँ
हे मेरी भारत माता ,,,
सुन बच्चों की ज़रा पुकार,,हो जा मैया ज़रा अधीर
हर पल मैला हो रहा ,,सुधा युक्त तेरा निर्मल शरीर ,,
अपशिष्टों से भर रहा,,तड़प रहा माँ तेरा सुंदर वेष ,,
कितनी मणियां लूट गयी,कितना लुटा वैभव अशेष,,

अश्रु आंख में सुख रहे ,हो ना रहा कोई निदान,,
बद से बदतर हो रही,हे माँ तेरी सुंदर शान,,
तू बच्चों से पूछ ज़रा ,क्यो फैल रहा विध्वंस गान,,
सुलग रही कैसी आग,क्यो सुत नाश करे माँ तेरा मान,,

नेताओं की बातों में,बाते है पर आग कहाँ,,
मैया का आँचल संभाले, उनमें ऐसी चाह कहाँ,
प्रतीती मात्र है बातें झूठी ,अब उन से राह कहाँ
वोट बैंक की राजनीति ,इससे अब निदान कहाँ,,

अब मोन त्याग कर सिंहनाद,,कर शत्रु सँहार,
शत्रु फिर न खड़ा हो अब करो ऐसा ही वार,,
शिव तांडव की भांति हो, सैन्य नृत्य फिर एक बार,
सारे नभ में गूंज उठे,,जय भारत माँ का मंत्रोच्चार,,
*विकास जैन व्याकुल*