"मैं ठीक हूंँ"...
जब कोई अनायास ही
हमसे हमारा हाल पूछ लेता है,
कि "कैसे हो" तुम..?
ये सवाल पूछ लेता है!
तब एक कसक सी
उठती है दिल में...
और गला रूंध सा जाता है,
सारी पीड़ाओं, वेदनाओं का
कसैलापन बस एक ही सांस में,
कह देने को जी चाहता है!
मगर ये तमाम बातें जब,
अटक जाती हैं हलक में ही,
इस कश्मकश को फिर...
बड़ी ही शालीनता से
छुपाया जाता है...
जिस...
हमसे हमारा हाल पूछ लेता है,
कि "कैसे हो" तुम..?
ये सवाल पूछ लेता है!
तब एक कसक सी
उठती है दिल में...
और गला रूंध सा जाता है,
सारी पीड़ाओं, वेदनाओं का
कसैलापन बस एक ही सांस में,
कह देने को जी चाहता है!
मगर ये तमाम बातें जब,
अटक जाती हैं हलक में ही,
इस कश्मकश को फिर...
बड़ी ही शालीनता से
छुपाया जाता है...
जिस...