...

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फ़िर कभी रुके न ये कदम
#जंजीर
इन जंजीरों को तोड़कर
रुख हवा का मोड़कर
चल रहे हैं देखो हम
फ़िर कभी रुके न ये कदम

कुछ पाने की प्यास में
मंज़िल की आस में
चल रहे हैं देखो हम
फिर कभी रुके ना ये कदम

आंसुओं को पीना है
कुछ पहाड़ों को चीरना है
चल रहे हैं देखो हम
फ़िर कभी रुके न ये कदम

ये दिल क्यों बेचैन हैं
हर दिलों में मैल हैं
चल रहे हैं देखो हम
फ़िर कभी रुके न ये कदम

मंजिल को पाकर लौटना है
दिले तुमसे ही जोड़ना है
चल रहे हैं देखो हम
फ़िर कभी रुके न ये कदम

© Ayesha Fatima