कविता
शब्दों में पिरोना मुमकिन नहीं
एहसास दिल के !
जीना पड़ता है औरों के लिए भी ,
अपने जज़्बात दफ़न करके !
जरूरी नहीं कि हर ख्वाब हो सच ,
या दम तोड़ दे स्वप्न सच होने से पहले !!
कविता वही देखे अनदेखे सपनों का
प्रतिबिम्ब ही तो है जिसमें जीवन रस घुलकर
बन जाता है...
एहसास दिल के !
जीना पड़ता है औरों के लिए भी ,
अपने जज़्बात दफ़न करके !
जरूरी नहीं कि हर ख्वाब हो सच ,
या दम तोड़ दे स्वप्न सच होने से पहले !!
कविता वही देखे अनदेखे सपनों का
प्रतिबिम्ब ही तो है जिसमें जीवन रस घुलकर
बन जाता है...