...

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उगता सूरज कुछ बोले
पुरानी चीजों को टटोल रहे
पुरानी वस्तु को खोल रहे
न जाने कैसी लगन लगी है
कि अब परिंदे भी बोल रहे है
रूक मत फिर से चल
सीख अंधेरे से
वो भी तो सब्र करता है
सवेरा होने का
तो तू क्यों डरता है
कि घबराने लगता है
एक आशा की किरण से
होगा तेरा उद्धार
तेरे जिंदगी में भी
होगा जल्द तेरा कल्याण
माना की हार बार बार मिल रही
पर इस हार से सीख भी तो मिल रही
भटक मत जग मे
खुद के भीतर झाँककर ही
होगा तुझे आत्मज्ञान

© 🦋⃟𝕾hivـــ٨ﮩﮩ❤️ﮩﮩ٨ــ🦋⃟⃟𝕾hakti