22 views
"राहें" By Abhilasha Khare
राहें सही मिल जाये,
तो ज़िंदगी निखर जाती है।
ये गलत हो अगर ,
तो जिंदगी बिखर भी जाती है।
किसी को नहीं पता होता,
यहां सही क्या है,और क्या गलत है।
बस चलते हैं ये सोचकर,
कि यहां कुछ तो अलग है।
ज़िंदगी निकल जाती है,
सही ओर गलत को तलाशने में।
पर अंजान रहते है,
हम खुद के ही अंदर झांकने में।
मिलते तो है हज़ारों मुसाफिर,
पर कौन अपने काम का है।
प्यार ,दोस्त, रिश्तेदार .....,
यंहा सब कुछ बस नाम का है।
Abhilasha Khare
तो ज़िंदगी निखर जाती है।
ये गलत हो अगर ,
तो जिंदगी बिखर भी जाती है।
किसी को नहीं पता होता,
यहां सही क्या है,और क्या गलत है।
बस चलते हैं ये सोचकर,
कि यहां कुछ तो अलग है।
ज़िंदगी निकल जाती है,
सही ओर गलत को तलाशने में।
पर अंजान रहते है,
हम खुद के ही अंदर झांकने में।
मिलते तो है हज़ारों मुसाफिर,
पर कौन अपने काम का है।
प्यार ,दोस्त, रिश्तेदार .....,
यंहा सब कुछ बस नाम का है।
Abhilasha Khare
Related Stories
48 Likes
31
Comments
48 Likes
31
Comments