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...***जब भी तुम आती हो***...
कभी दर्द बनकर तो कभी प्यार बनकर ...
पर जब भी तुम आती हो
ये दिल धड़क उठता है
तुम्हारी मौजूदगी से ही
ये समा महक उठता है
तुम्हारी नशीली आंखों में डूब जाऊं
मन में यह ख्याल उठता है
सुर्ख़ कौन तुम्हारे होठ या ये गुलाब
ज़ेहन में ऐसा एक दक़ीक़(पेचीदा)सवाल उठता है
हूं तो मैं नहीं ऐसा ...
हूं तो मैं नहीं ऐसा ...
पर जब भी देखता हूं तुम्हें
मेरा मन मचल उठता है
© Linked_with_U
#romance #Love #imagination #diary #rose
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