...

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सपनो से मुह मोरा😔
छोटी सी शहर मे रहता था
बुरे हालातो से गुजरता था

सपना था खूब
मगर घमंड मे था चुर


दिखती थी झलक
छोरे मे बात था अलग

लिखता था अच्छा
मगर हलाद था कच्चा

करने चला था सपना पुरा
मगर रह गय आधुरा

छोरा अभी भी था हारा
मगर उमीद ने साथ ना छोरा


मिली नही कामयाबी

समय बदल गया
हलाद सुधर गया

समय का खेल तो देखो
अब छोरा बदल गया

समय समय की बात है
कामयाबी छोरे की हाथ हैं

मगर बिगरा था छोरा
अब क्या कामयाबी ne हाथ छोरा