वासुदेव ने उठाया अस्त्र..!
तोड़ दी अपनी प्रतिज्ञा को,
कुरुक्षेत्र में वासुदेव ने उठाया अस्त्र...!
भूल गया था जब पार्थ,
दिए गए दिव्य ज्ञान को...!
मिटा था भेद उसके अज्ञान का,
किन्तु फिर भी ना चला सका वो,
बाण पितामह भीष्म पर,
हो कर क्रुद्ध वासुदेव ने,
उठा लिया था सुदर्शन चक्र...!
चाहे कोई कहे कि झूठी थी प्रतिज्ञा,
या कोई लगाए अपयश मुझपर,
किन्तु ना आने दूंगा लाज भक्त पर,
वासुदेव ने उठाया कुरुक्षेत्र मेंअस्त्र...!
© Rohit Sharma "उन्मुक्त सार"
कुरुक्षेत्र में वासुदेव ने उठाया अस्त्र...!
भूल गया था जब पार्थ,
दिए गए दिव्य ज्ञान को...!
मिटा था भेद उसके अज्ञान का,
किन्तु फिर भी ना चला सका वो,
बाण पितामह भीष्म पर,
हो कर क्रुद्ध वासुदेव ने,
उठा लिया था सुदर्शन चक्र...!
चाहे कोई कहे कि झूठी थी प्रतिज्ञा,
या कोई लगाए अपयश मुझपर,
किन्तु ना आने दूंगा लाज भक्त पर,
वासुदेव ने उठाया कुरुक्षेत्र मेंअस्त्र...!
© Rohit Sharma "उन्मुक्त सार"