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दिल्लगी ❤️
तुम्हारे कदमो के निशान मेरे दिल मे मौजूद है।
तुम्हारी हर धड़कन मेरे साँसों मे महफूज है।।
तुम छुप कर आया करो मिलने हमसे।
आजकल हमारे इश्क़ की चर्चाए खूब है।।
कुछ अपने साँसों से मौहलत लिया हू।
कुछ अधीर धड़कनो से इजाजत लिया हू।।
खुद पर खुद से बेइंतेहाँ यक़ीन करके ।
तुझे पाने की एक दफा हिमाकत किया हू।।
तू है एक तलब सी तेरी आदत जरूरी है।
मेरी नजरें उठे तो तेरा होना जरूरी है।।
मिलकर मिल जाऊंगा आपकी रूह से मै।
वरना पूरी जिंदगी भी शायद अधूरी है।।
दिल लगाने की खता भी क्या खूब होगी।
लफ्ज मेरे होंगे वजह कोई और होगी।।
मोहब्बत मे डूबेगा हर राग मेरा ।
शायरी मेरे होंगे और वजह मेरी मेहबूब होगी।।
© Chandan Singh
तुम्हारी हर धड़कन मेरे साँसों मे महफूज है।।
तुम छुप कर आया करो मिलने हमसे।
आजकल हमारे इश्क़ की चर्चाए खूब है।।
कुछ अपने साँसों से मौहलत लिया हू।
कुछ अधीर धड़कनो से इजाजत लिया हू।।
खुद पर खुद से बेइंतेहाँ यक़ीन करके ।
तुझे पाने की एक दफा हिमाकत किया हू।।
तू है एक तलब सी तेरी आदत जरूरी है।
मेरी नजरें उठे तो तेरा होना जरूरी है।।
मिलकर मिल जाऊंगा आपकी रूह से मै।
वरना पूरी जिंदगी भी शायद अधूरी है।।
दिल लगाने की खता भी क्या खूब होगी।
लफ्ज मेरे होंगे वजह कोई और होगी।।
मोहब्बत मे डूबेगा हर राग मेरा ।
शायरी मेरे होंगे और वजह मेरी मेहबूब होगी।।
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