इंसान
रंगो में बाटी जा रही हैं हवा, कुछ रंग तू छोड़ कुछ मैं छोड़ू आ हवा को फिर बेरंगी करते हैं...
नफ़रत के इस माहौल...
नफ़रत के इस माहौल...