...

4 views

बदलाब ,,,
RAAJ PREEET

नारी हूँ मै जीवन हूँ मै
समझो अगर तो गुलशन हूँ मै

दरद हजारों है दिल के अन्दर
मानसून सी सावन हूँ मै

रगों मे वसर हो जो PREEET
आदमी की धड़कन हूँ मै

समस्त ब्रहमांड जिसने चलाया
इस संसार की धरोहर हूँ मै

बचपन जवानी और बुढापे तक
हर किसी पर लगी मोहर हूँ मै

घर है मेरे दो दोनो ही पराये है
PREEET की लिखे जज्बात अब समझ आये है

शान्त मौन ठहराव समन्दर हूं
काया है मिटटी दिल से सुन्दर हूँ मै

दुखो मे पली गमों ने चलना सिखाया
किसी के धोखे ने PREEET मुझे बदलना सिखाया

न किसी प्यार पर प्यार की किताब हूँ
दिल से जो लिखे गये PREEET के शब्द बेहिसाब हूँ मै

खोया मैने बहुत कुछ बहुत कुछ गंवा कर आई
किसी ने नही समझा मुझे अपना हर जगह पराई कहलाई
दो बहने थी साथ रहती बचपन संग बिता कर आई
लड़ना झगडना रूठना मनाना सब कुछ मै अपनाकर आई
उंगली पकड के चलना सिखाया बडी बहन ने कभी मुझको
अलफाज आज भी याद है मुझे बहन ने कहा कभी कुछ ना प्यारी तुझको
PREEET ने महसुस किया फिर लिखा उसने हाल
देख कर मेरी तरफ पुछा आँखे क्यू है आज तेरी लाल
अब PREEET को कया बताऊं अपने दिल का हाल सारा
बडी बहन भी हुई बिमार किस्मत कया तमाचा मारा
जयादा वकत नही हुआ बात को बडी बहन को खो कर आई
बहन आज गुजर गई पिछे छौड सारी तनहाई
गुजरी बहन तो मैने कमरे मे एक तस्वीर लगाई
सुबह सवेरे खयाल उसी के फुलो की माला एक लगाई
अन्दर से PREEET हमेशा रोईं हंसती तो बस बाहरी हूँ मै
...