...

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मेरी लगन है सिर्फ तेरा होने की
तुझपर अपना सब कुछ खोने की,
मेरी लगन है सिर्फ तेरा होने की ।।
तेरी बाहों में सिर रख सोने की,
मेरी लगन है सिर्फ तेरा होने की ।।

जब भी आंखें खोलू तेरा दीदार पाऊं
जन्म जन्म का अपना प्यार निभाऊं
पुष्प जब भी पुकारे अपनी जुबां से
मनोज मैं नंगे पेरी दौड़ा चला आऊं
मुझे तलब सिर्फ तेरे बिछोने की,
मेरी लगन है सिर्फ तेरा होने की ।।

पुष्प तेरी खुशबू में मनोज मैं हर हर हो जाऊ
तेरी चाहत का नीर बन मैं घर घर हो जाऊं
तुम मुझमें गहरे और मैं तुझमें समा जाऊं
मनोज मैं पुष्प संग अपनी प्रीत निभाऊं
दिल ए धराई रूह ललाट एक होने की,
मेरी लगन है सिर्फ तेरा होने की ।।
© Manoj Vinod-SuthaR