...

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बन जाएँगे काम सारे
बन जाएंगे काम सारे
जो राम को दिल से पुकारे।

राम नाम का मधुर्य पान
निर्मल निर्मल नव बिहान
निर्गमित रसपान कर
राम मय जग जानकर
साँसों में खुशबू राम की
महिमा अमित अभिराम की
संकल्प है निष्कल्प है
ना दूसरा कोई विकल्प है
जीवन मृत्यु के पार जाकर
तू चला चल मुस्कुरा कर
बन जाएँगे काम सारे
जो राम को दिल से पुकारे।

संबंधों को कैसे निभाएं
राम नाम ही राह दिखलाये
उत्सर्ग समर्पण की भावनाएं
राम कथा हमको सिखलाए
वचन निभाने की खातिर
देश जाति पर मिट जाएं
परहित सरिस धर्म नहीं दूजा
कर्म ही दर्शन कर्म ही पूजा
खुद सीखें औरों को सिखाकर
राम नाम का भाव बताकर
बन जाएँगे काम सारे
जो राम को दिल से पुकारे।
© राकेश कुमार सिंह