आखिर ऐसा क्यों ?
एक बार नहीं हर बार
जीवन के हर पड़ाव में
क्यों झुकना पड़ता है?
औरतों को ही बार बार
आखिर ऐसा क्यों ?
उच्चतर शिक्षा मिले बेटों को
पढ़ाते हैं अंग्रेजी माध्यम उन्हें
धन राशि कम न पड़ जाए पढ़ाई के खर्चे में
बेटियों को डाली जाती है सरकारी स्कूल
अर्धांगिनी कहलाती है पत्नियां
मगर मिलती कहाँ बराबर का दर्जा?
'मर्द बनने की कोशिश न कर'
चिल्लाते नहीं तब पतियां ,
जब-जब कोशिश करती है दिखाने
पत्नियां पतियों को उनकी गलतियां
सिर झुकाना पड़ता है ऐसे ही
औरतों को जीवन के हर पड़ाव में
आखिर ऐसा क्यों ?
© biji
जीवन के हर पड़ाव में
क्यों झुकना पड़ता है?
औरतों को ही बार बार
आखिर ऐसा क्यों ?
उच्चतर शिक्षा मिले बेटों को
पढ़ाते हैं अंग्रेजी माध्यम उन्हें
धन राशि कम न पड़ जाए पढ़ाई के खर्चे में
बेटियों को डाली जाती है सरकारी स्कूल
अर्धांगिनी कहलाती है पत्नियां
मगर मिलती कहाँ बराबर का दर्जा?
'मर्द बनने की कोशिश न कर'
चिल्लाते नहीं तब पतियां ,
जब-जब कोशिश करती है दिखाने
पत्नियां पतियों को उनकी गलतियां
सिर झुकाना पड़ता है ऐसे ही
औरतों को जीवन के हर पड़ाव में
आखिर ऐसा क्यों ?
© biji