fantom..song..
पहले क्यूँ ना मिले हम?
तनहा ही क्यूँ जले हम?
मिल के मुक़म्मल हुए हैं
या थे तनहा भले हम?
ना हमारा हुआ, ना तुम्हारा हुआ
इश्क़ का ये सितम ना गवारा हुआ
पल-पल गिन के गुज़ारा
मानों कर्ज़ा उतारा
तुमसे मुनासिब हुआ है
फिर से जीना हमारा
ढलती रात का एक मुसाफ़िर
सुबह अलविदा कह चला
जीते जी तेरा हो सका ना
मर के हक़ अदा कर चला
ना हमारा हुआ, ना तुम्हारा हुआ
इश्क़ का ये सितम ना गवारा हुआ
ना हमारा हुआ, ना तुम्हारा हुआ
इश्क़ का ये सितम ना गवारा हुआ
© introverts.Cries.
तनहा ही क्यूँ जले हम?
मिल के मुक़म्मल हुए हैं
या थे तनहा भले हम?
ना हमारा हुआ, ना तुम्हारा हुआ
इश्क़ का ये सितम ना गवारा हुआ
पल-पल गिन के गुज़ारा
मानों कर्ज़ा उतारा
तुमसे मुनासिब हुआ है
फिर से जीना हमारा
ढलती रात का एक मुसाफ़िर
सुबह अलविदा कह चला
जीते जी तेरा हो सका ना
मर के हक़ अदा कर चला
ना हमारा हुआ, ना तुम्हारा हुआ
इश्क़ का ये सितम ना गवारा हुआ
ना हमारा हुआ, ना तुम्हारा हुआ
इश्क़ का ये सितम ना गवारा हुआ
© introverts.Cries.