...

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आख़िरी
तुम आख़िरी इश्क़
मेरा आख़िरी तजुर्बा भी।
तुम्हारे बाद और कोई नहीं आएगा। ,
मन के गुलशन में कोई फूल न खिल पाएगा ,
दिल की विरानियों में बस्तियां बसेंगीं कैसे?
रोशनी के लिए कोई जुगनू कैसे जगमगाएगा?
तुम्हारे जाते ही सूरज भी तो ढल जाएगा ,
चांद भी तो उगने से मुकर जाएगा ।

सोच रहीं हूं वक्त रहते बता दूं सबकुछ ,
देख लो तुम्हारे जाते ही ये सब हो जाएगा।।

© khak_@mbalvi