अतीत के पन्ने...
अतीत के पन्ने खोलता हूँ जब भी मैं,
यादों का दरिया उमड़ता तभी मैं।
बचपन की वो गलियाँ, वो खिलखिलाती हँसी,
मिट्टी में खेलते, वो मासूमियत की बसी।
वो कागज की नावें, वो बारिश का पानी,
माँ की ममता भरी गोद, और दादी नानी की कहानी।
स्कूल की वो सुबहें, बस्ता और किताबें,
दोस्तों का संग, और खेल की ठिठोली।
किशोरावस्था की बातें, वो सपनों की उड़ान,
दिल में बसी चाहतें, और अनकही जुबान।
वो पहले प्रेम की छुअन,...