मन
कल्पना के लगा पर
मन करता अंतहीन सफर
कभी इस डगर
कभी उस नगर
अंतरिक्ष की भर उड़ान
ढूढ़े जिसे...
मन करता अंतहीन सफर
कभी इस डगर
कभी उस नगर
अंतरिक्ष की भर उड़ान
ढूढ़े जिसे...