याद आती है : love to the nature
वो झरने जिसमें तुम अपने केशो को धोया करती थी।
वो पहाड़ जिसपे हम चढ़ कर घंटो मीठी बाते किया करते थे।
वो टेढ़ी मेढ़ी पगडंडियां जिसपे हम मिलो पैदल चला करते थे।
वो कोयल की कु - कु जिसके साथ हम भी गुनगुनाया करते थे।
वो रात के अंधेरे में टिम टिमाते तारों को निहारा करते थे।
वो ठंडी झील जिसमें डुबकी लगाया करते...
वो पहाड़ जिसपे हम चढ़ कर घंटो मीठी बाते किया करते थे।
वो टेढ़ी मेढ़ी पगडंडियां जिसपे हम मिलो पैदल चला करते थे।
वो कोयल की कु - कु जिसके साथ हम भी गुनगुनाया करते थे।
वो रात के अंधेरे में टिम टिमाते तारों को निहारा करते थे।
वो ठंडी झील जिसमें डुबकी लगाया करते...