...

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डर प्रेम से
यहां दिल सोच रहा मेरा मगर ये हाथ न लिखे
सहम कर बैठी है लेखनी ये कोई जज़्बात न लिखे
कि कोरे कागज़ पर मेने चाहा था ल्वज़ लिखे दिल
कही तू दूर हो ना...